जयपाल जुलियस हन्ना साहित्य अवार्ड विजेता
सम्मानित हुए साहित्यकारों से वर्षवार मिलिए
यह अवार्ड क्यों और किन्हें मिलता है?
जयपाल-जुलियस-हन्ना साहित्य पुरस्कार का उद्देश्य आदिवासी (फर्स्ट नेशंस) मातृभाषाओं के साथ-साथ हिंदी और अंग्रेज़ी सहित किसी भी भारतीय भाषा में मौलिक और अप्रकाशित रचनाओं के लिए एक मंच उपलब्ध कराना है। हर साल आदिवासी लेखकों को कविता, लघुकथा, उपन्यास, सामाजिक-राजनीतिक विमर्श और अन्य साहित्यिक विधाओं में मौलिक पांडुलिपियां भेजने के लिए आमंत्रित किया जाता है। यह पुरस्कार सभी आयु वर्ग के आदिवासी रचनाकारों का स्वागत करता है और उनकी सृजनात्मकता को सम्मानित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ चुनी गई तीन पांडुलिपियों का प्रकाशन शामिल है। प्रत्येक विजेता को उनकी प्रकाशित पुस्तक की 50 निःशुल्क प्रतियां, 100 प्रतियों के लिए अग्रिम रॉयल्टी, और पुस्तक बिक्री पर वार्षिक 10% रॉयल्टी दी जाती है। विजेताओं को रांची में आयोजित भव्य समारोह में पारंपरिक शॉल, प्रशस्ति-पत्र और स्मृति-चिह्न देकर सम्मानित किया जाता है। 2022 में शुरू किया गया यह अभिनव पुरस्कार 2024 तक तीन सफल पड़ाव पूरे कर चुका है। इसका चौथा संस्करण नवंबर 2025 में आयोजित होगा।

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