जोहार. आदिवासी साहित्य का विस्तार केवल सांस्कृतिक कार्य नहीं, बल्कि एक रचनात्मक प्रतिरोध है. यह हमारे जीवन, संघर्ष और (रचाव-बचाव) को उजागर करता है. साहित्य के माध्यम से जल, जंगल, ज़मीन के लिए चल रही हमारी ज़मीनी लड़ाई को मज़बूती मिलती है और आदिवासी ज्ञान एवं बौद्धिक परंपराओं को बल मिलता है.
विश्व आदिवासी दिवस 2025 के अवसर पर, हम जयपाल जूलियस हन्ना साहित्य सम्मान की घोषणा करते हैं—जो उन आदिवासी लेखकों के लिए है जो लिख रहे हैं या लिखना चाहते हैं, लेकिन उन्हें प्रकाशक नहीं मिलते, या मिलते भी हैं तो शोषण होता है. कई बार लेखक से बिना पारिश्रमिक के पांडुलिपि ली जाती है, या किताब छापने के लिए पैसे लिए जाते हैं, और बाद में दो-चार किताबें देकर और 'रॉयल्टी' का झुनझुना थमा कर लेखक को हाशिये पर डाल दिया जाता है.
यह समस्या उन लेखकों के लिए और गहरी होती है जो नई शुरुआत कर रहे हैं. उनके पास चाय-पानी का खर्च निकालने की भी गुंजाइश नहीं रहती. इस स्थिति को बदलने के लिए यह सम्मान शुरू किया गया है. इसमें किसी भी उम्र और किसी भी आदिवासी समुदाय के नए या पुराने लेखक भाग ले सकते हैं.
यदि आप: किसी भी आदिवासी / फर्स्ट नेशन समुदाय से हैं किसी भी उम्र के हैं किसी भी भाषा (आदिवासी / भारतीय / हिंदी / अंग्रेज़ी), किसी भी लिपि, और किसी भी विधा (कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध आदि) में लिख रहे हैं और आपकी रचनाएँ अभी तक प्रकाशित नहीं हुई हैं, या आप प्रकाशन चाहते हैं, तो यह अवार्ड आपके लिए है.
- पांडुलिपि का पुस्तक रूप में निःशुल्क प्रकाशन. - प्रकाशित पुस्तक की 50 प्रतियाँ निःशुल्क. - बिक्री पर 10% वार्षिक रॉयल्टी. - पुरस्कार समारोह में 100 प्रतियों के बराबर नकद रॉयल्टी.
- पांडुलिपि मौलिक, अप्रकाशित और 100 पेज से कम नहीं होनी चाहिए. - पांडुलिपि ए5 साइज में Word फाइल में भेजें. अंग्रेज़ी के लिए फॉन्ट Arial या Times New Roman (साइज 12), हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के लिए Krutidev-10 (साइज 14), आदिवासी भाषाओं के लिए फॉन्ट साइज 12 और यूनिकोड हिंदी के लिए Mangal में साइज 12 से अधिक न हो. - पांडुलिपि वर्ड और पीडीएफ फाइल, दोनों फॉर्मेट में जमा करना जरूरी है. - पांडुलिपि यदि हिंदी के अलावा अंग्रेजी अथवा अन्य भारतीय या आदिवासी भाषा में है तो उसका सार-संक्षेप हिंदी में भेजना अनिवार्य है. - अपना हाई रिजोल्यूशन फोटो और बायोडाटा भी जरूर संलग्न करें. - इस पुरस्कार योजना में किसी भी उम्र के आदिवासी भाग ले सकेंगे. प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन द्वारा गठित निर्णायक मंडल का निर्णय अंतिम होगा.
अपनी पांडुलिपि, बायोडाटा और नवीनतम फोटो यहां जमा करें.
जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य पुरस्कार 2025 से संबंधित अन्य जानकारियों के लिए हमें मेल करें jjhannaaward@gmail.comफार्म सहित पांडुलिपि जमा करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है.
पुरस्कार और सम्मान समारोह की घोषणा 30 सितंबर 2025 को की जाएगी.
जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य पुरस्कार 2024 के पुरस्कृत पांडुलिपियों और लेखकों के बारे में जानकारी यहां प्राप्त करें.
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